संताल नृत्य

संताल नृत्य

santhali-dance

संताल भी मुंडा कूल से ही आते हैं। यह अप्रिय परिवर्तन सबसे बड़। अंग है ।

भाषा -संस्कृति पर्याप्त समानताओं के होते हुए भी इनमें मौलिक भेद है। नृत्य संगीत में किंचित  परिवर्तन स्पष्टदिखाई  पडता है । इनके नृत्य भी सालों भर ऋतु परिवर्तन के साथ पर्व-उत्सवों के अनुसार चलते रहते है। इनके मुख्या नृत्य है डाहर, दोह, दोंगेर, आषाढ़रिया , शिकारी, दनस्य,सोहराई ,दोसमी, सकरात आदि | इनके नृत्य भी आकर्षक , सुन्दर, मनोहर, और दिलकश होते है |

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